रात आये तुम्हे नींद की दुनिया में ले जाये
तुम भूल जाओ सब चिंता और परेशानियों को
ना आये कोई स्वपन भी आज तुम्हे सताने को!
आना है तो बस आकर चंदा तुम्हे लोरी सुना जाये,
जुगनू और सितारे भी आज कहीं छुप जाएँ!!
Tuesday, November 11, 2008
Posted by सुरभि at 1:22 AM
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3 comments:
जुगनू और सितारे कहीं छुप जायें तो वाकई में रात आ जाये
अरे ......सब कुछ उडेल दिया आपने !किसी नन्हे फ़रिश्ते के लिए है ?
बहुत सुंदर कल्पनाओं को शब्द से उकेरती कवितायें
सुरभि जी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर दस्तक दे
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