Sunday, October 23, 2011

:)



प्यार के दौर में
छूट जायेगा साथ मेरा
अपनी ही आत्मा से
ऐसा पता ना था
जब सोचा फुरसत में बैठकर
ये ब्रह्म ज्ञान पाया
मेरी आत्मा मेरे ही पास रहती
तो वो तुममे एकाकार कैसे होती ?

Saturday, May 28, 2011

तेरे बिन


खो जाते हैं शब्द जैसे
ग़ुम हो जाती है उल्काएं गगन से
सूख जाती है भावनाए मोसमी झरनों जैसे
नहीं बहती कवितायेँ मेरे मन से
जब तुमसे बात नहीं होती !

Monday, March 21, 2011

:)


ये ख्वाबों कि बारिशे नहीं छोडती सूखा मुझे
इस बार तुम ही सूरज बन कर आओ...

Wednesday, January 26, 2011

तुम याद आते हो

रात के लम्बे सफ़र में
जब नींद नहीं आती
करवटे बदलते बदलते
तो तुम याद आते हो

खाना खाते खाते जब
कुछ गले में अटक जाता है
और कोई पानी नहीं लाता
तो तुम याद आते हो

रास्ते पर चलते चलते
जब थक कर जाती हूँ
तुम्हे थाम चलने को जी चाहता है
तो तुम याद आते हो

किसी से जब होता है झगडा
या किसी बात पर होता है मन खराब
तुम्हारे गले लगने को जी चाहता है
तो तुम याद आते हो

Tuesday, January 18, 2011

...


तेरी हवा में रहेगी
मेरे ख्याल की खुशबू,
पर जानां
खुशबू की तरह
ना तुम मुझे देख पाओगे
ना ही अब छू सकोगे !

Thursday, January 13, 2011

:)


तेरे होने का अहसास
हर पल एक बराबर मुझसे जुड़ा है
वक़्त जैसे हर पल हर लम्हे में बराबर बटा है
किसी हिस्से में ना कम ना ज्यादा हुआ है
ऐसे ही तू कहीं रहे, किसी के साथ हो
हर किसी को बस पूरा मिला है :)

Tuesday, January 4, 2011

इश्क


वो खुदा जिसका नाम था हर अजान में

वो हमें पहले कभी नज़र ना आया

पर जबसे तुझसे इश्क हुआ

उसके होने का अहसास हर पल पाया !