Tuesday, May 12, 2009

माँ

माँ 

दिया तुमने मुझे वरदान जीवन का 
दी तुमने ही मुझे ये हसीन ज़िंदगी 
आई मैं इस दुनिया में तुम्हारा दामन थामकर 
सीखा है चलना मैने तुम्हारी उंगली पकड़कर 
खोली जब आँखे मैने तुम्हे ही देखा था पहली बार 
मेरी एक हँसी पर तुम वारी जाती थी 
मेरे एक आँसू पर तुम घबरा सी जाती थी 
मेरी एक छींक पर तुमने सारी रात जागकर काटी
मेरी एक ज़िद पर तुम दुनिया सारी ला देती 
माँ ही बोला था मैने जीवन का पहला शब्द 
तब तुम्हारी आँखो में एक चमक सी आई थी! 

माँ 
दिया तुमने मुझे वरदान जीवन का 
दी तुमने ही मुझे ये हसीन ज़िंदगी 
खेलती है होंठो पर मेरे तुम्हारी ही मुस्कान 
वाणी से मेरी निकलते हैं तुम्हारे ही सुर
झलकती है चेहरे से तुम्हारी सी आभा 
धैर्य है मुझमे तुम्हारे ही जैसा 
घटा है कशों मे मेरे तुम्हारे जैसी 
हृदय में है मेरे तुम्हारे जैसा प्यार 
बातों में है मेरे तुम्हारी जैसी शुचिता 
संस्कार है मुझमे तुम्हारे ही दिए हुए 
लय है ज़िंदगी में तुम्हारे जैसी. 

माँ 
दिया तुमने मुझे वरदान जीवन का 
दी तुमने ही मुझे ये हसीन ज़िंदगी!