खो जाते हैं शब्द जैसे
ग़ुम हो जाती है उल्काएं गगन से
सूख जाती है भावनाए मोसमी झरनों जैसे
नहीं बहती कवितायेँ मेरे मन से
जब तुमसे बात नहीं होती !
Saturday, May 28, 2011
तेरे बिन
Posted by सुरभि at 8:33 PM 3 comments
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खो जाते हैं शब्द जैसे
ग़ुम हो जाती है उल्काएं गगन से
सूख जाती है भावनाए मोसमी झरनों जैसे
नहीं बहती कवितायेँ मेरे मन से
जब तुमसे बात नहीं होती !
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