Monday, September 6, 2010

बरसाते

कभी अच्छी लगती थी बरसाते मुझे
जब तेरे प्यार कि बारिश में भीगती थी मैं
आज भी अच्छी लगती हैं बरसाते
जब जी भर रोने को बारिश में भीगती हूँ मैं!