Tuesday, November 11, 2008

रात आये तुम्हे नींद की दुनिया में ले जाये
तुम भूल जाओ सब चिंता और परेशानियों को
ना आये कोई स्वपन भी आज तुम्हे सताने को!
आना है तो बस आकर चंदा तुम्हे लोरी सुना जाये,
जुगनू और सितारे भी आज कहीं छुप जाएँ!!

3 comments:

Tarun said...

जुगनू और सितारे कहीं छुप जायें तो वाकई में रात आ जाये

डॉ .अनुराग said...

अरे ......सब कुछ उडेल दिया आपने !किसी नन्हे फ़रिश्ते के लिए है ?

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत सुंदर कल्पनाओं को शब्द से उकेरती कवितायें
सुरभि जी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर दस्तक दे