ये आलम इश्क का है,
न खबर किसी और बात की है
आया था खुदा भी सामने एक दिन
पर हमें फुरसत कहाँ थी!
Monday, November 24, 2008
Posted by सुरभि at 2:21 PM
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ये आलम इश्क का है,
न खबर किसी और बात की है
आया था खुदा भी सामने एक दिन
पर हमें फुरसत कहाँ थी!
Posted by सुरभि at 2:21 PM
2 comments:
बहुत खूब!!
ख़ुदा भी आय था पर हमे फुरसत कहां थी बढ़िया है
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