Sunday, January 1, 2012

एक पल ना ठहरी नींद मेरी आँखों में
तेरी यादें मोगरे सा तन महकाती रही
और मेरे मन से नज़में बहती रही !

3 comments:

Shahid Ansari said...

बहुत खूब।

Rakesh Kumar said...

वाह!
सुन्दर प्रस्तुति.

मन से नजमें बहती रही

अनुपम भाव.

मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.

M VERMA said...

यादों की यही दास्ताँ है