एक पल ना ठहरी नींद मेरी आँखों में
तेरी यादें मोगरे सा तन महकाती रही
और मेरे मन से नज़में बहती रही !
Sunday, January 1, 2012
Posted by सुरभि at 7:17 PM
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एक पल ना ठहरी नींद मेरी आँखों में
तेरी यादें मोगरे सा तन महकाती रही
और मेरे मन से नज़में बहती रही !
Posted by सुरभि at 7:17 PM
3 comments:
बहुत खूब।
वाह!
सुन्दर प्रस्तुति.
मन से नजमें बहती रही
अनुपम भाव.
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.
यादों की यही दास्ताँ है
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