माय री ना तू मेहंदी लगाने की जिद कर
मुझे पहले से चढ़ा इश्क की मेहंदी का रंग
जो किसी दुकान में ढूंढे ना मिले
और जिसका रंग कभी ना फीका पड़े !
Friday, November 20, 2009
Posted by सुरभि at 7:15 PM 5 comments
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