एक कतरा आकाश, एक कतरा धरती,
दो किरणे सूरज,दो किरणे चांदनी की,
और बस दो बूँद तेरे इश्क की काफी है
ज़िन्दगी मुक्कमल करने के लिए !
Thursday, February 18, 2010
Posted by सुरभि at 6:43 PM 6 comments
Subscribe to:
Posts (Atom)
एक कतरा आकाश, एक कतरा धरती,
दो किरणे सूरज,दो किरणे चांदनी की,
और बस दो बूँद तेरे इश्क की काफी है
ज़िन्दगी मुक्कमल करने के लिए !
Posted by सुरभि at 6:43 PM 6 comments